SANGYA KISE KAHTE HAI

संज्ञा किसे कहते है ? : परिभाषा, प्रकार तथा संज्ञा के भेद | SANGYA KISE KAHTE HAI

संज्ञा किसे कहते है ? ,परिभाषा, प्रकार तथा भेद,( SANGYA KISE KAHTE HAI ? )

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हेल्लो दोस्तों स्वागत है आप सबका आज एक नए विषय को लेकर जिसका नाम है संज्ञा किसे कहते है ? : संज्ञा के प्रकार और संज्ञा की परिभाषा तथा संज्ञा के भेद ? ( SANGYA KISE KAHTE HAI ? ) इस पोस्ट में हम इन सभी विषयों के बारें में जानेंगे, तो आइये शुरू करते है.

संज्ञा की परिभाषा  ( SANGYA KISE KAHTE HAI ? )

किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण, भाव आदि को संज्ञा कहते है, ये तो हम सभी जानते है की पुरे ब्रह्माण्ड में जितनी चीजे उपस्थित है उनका कुछ न कुछ नाम है और उन्हें उन्ही नाम के द्वारा पुकारा जाता है, तो यहाँ पे हम ये कह सकते है की नाम को ही संज्ञा कहा जाता है, उदाहरणार्थ – 

  • राम कुर्सी पर बैठा है. |
  • हाथी ने गन्ना खा लिया है |
  • लखनऊ से दिल्ली की दूरी 600 किमी. है | 

ऊपर दिए गए शब्द राम, कुर्सी, हाथी, गन्ना, लखनऊ, दिल्ली ये सब किसी व्यक्ति, जानवर, वस्तु, स्थान के नाम है, अतः हम ये कह सकते है की जिस शब्द से किसी के नाम, वस्तु, स्थान इत्यादि का बोध होता है उसे हम संज्ञा कहते है.

संज्ञा के प्रकार ( भेद ) –

संज्ञा के दो प्रकार होते है – जिसमे पहला व्युत्पति के आधार पर और दूसरा अर्थ के आधार पर  

1 व्युत्पति के आधार पर संज्ञाए  – 

व्युत्पति का अर्थ है की शब्द का वह मूल रूप जिससे वह निकला है या बिगड़कर वह शब्द बना हो उसे व्युत्पति संज्ञा कहते है , इसमे भी तीन प्रकार होते है – 

रूढ़ संज्ञा 
योगिक संज्ञा 
योगरूढ़ संज्ञा 

रूढ़ संज्ञाए – 

ये वो संज्ञाए होती है जिनके संज्ञा शब्दों को अलग करने पर कोई अर्थ न निकले, कहने का मतलब यह है की इनका हर एक खंड निरर्थक रहता है, जैसे – कल अगर हम कल के प्रत्येक खंड कोअलग करे तो इसका कोई मतलब नहीं निकलेगा ठीक उसी तरह मल को भी अलग करने पर अर्थ नहीं निकलता है. तो ऐसी संज्ञाओं को हम रूढ़ संज्ञा कहते है.

योगिक संज्ञा – 

जब एक से अधिक सार्थक शब्दों के मेल से जो संज्ञा बनती है उसे हम योगिक संज्ञा कहते है. जैसे –  विद्यालय अगर हम विद्यालय को अलग करते है तो ‘विद्या’ और ‘आलय’ मिलता है और इन दोनों का भी एक सार्थक अर्थ निकलता है, उसी तरह मधुशाला, गोशाला, इत्यादि शब्द है जिनको अलग करने पर भी हमें एक सार्थक शब्द मिलते है.

योगरूढ़ संज्ञा – 

वे संज्ञाए जो योगिक है लेकिन सामान्य अर्थ न बतलाकर उसका दूसरा अर्थ बतलाती है जैसे – पंकज इसमें  पंक + ज इसमें ‘पंक’ का मतलब कीचड़ तथा ‘ज’ का मतलब जन्म होता है, अर्थात कीचड़ में जन्म लेने वाला उसी तरह से दशानन, जलज इत्यादि.

2  अर्थ के आधार पर संज्ञाए – 

अर्थ के आधार पर संज्ञा के पांच भेद होते है – 

व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun )

जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun )

भाववाचक संज्ञा – ( Abstract Noun )

समूहवाचक संज्ञा – ( Collective Noun )

द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )

व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun ) – 

व्यक्तिवाचक संज्ञा उसे कहते है जिस संज्ञा से किसी खास व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम का बोध होता हो उस संज्ञा को हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है. जैसे – 

हिमालय, दिल्ली, गांधीजी, गंगा, यमुना इत्यादि व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदहारण है |

 जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun ) – 

जिस संज्ञा के द्वारा हमें उस संज्ञा के समस्त जातियों का बोध होता है उसे हम जातिवाचक संज्ञा कहते है जैसे –  नदी इसके द्वारा हमें नदी के समस्त जातियों का बोध हो रहा है तो यहाँ जातिवाचक संज्ञा है. इसी तरह से मनुष्य, लड़का, पर्वत, लड़की इत्यादि जातिवाचक संज्ञा है.

भाववाचक संज्ञा – ( Abstract Noun ) –  

जिस संज्ञा के द्वारा हमें गुण, दशा, धर्म, क्रिया इत्यादि का बोध होता है उसे हम भाववाचक संज्ञा कहते है, जैसे – बचपन इससे हमारे अन्दर एक भाव प्रकट होता है की बचपन कैसा होता है, क्या-क्या क्रिया होती है इत्यादि उसी तरह से सुख, दुःख, अपनापन, निर्बलता, आदि भाववाचक संज्ञा के उदाहरण है.

समूहवाचक संज्ञा – ( Collective Noun ) – 

जिस किसी संज्ञा के द्वारा हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, आदि के समूह का बोध होता है उसे हम समूहवाचक संज्ञा कहते है जैसे- भीड़ यहाँ भीड़ से तात्पर्य एक दो लोगो से नहीं सैकड़ो की संख्या में उपस्थित लोगों से है उसी तरह से झुण्ड, मेला, जंगल इत्यादि भी समूहवाचक संज्ञा में आते है.

द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun ) – 

जिस संज्ञा से हमें किसी द्रव्य या फिर नापने और तौलने वाली चीज का बोध होता है उसे हम द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है, जैसे –  दूध को हम नापते है यह एक द्रव्य है, उसी तरह से लोहे को हम तौलते है ये सब द्रव्यवाचक संज्ञा है, उसी तरह से चीनी, घी, पानि इत्यादि द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहर्ण है.

तो दोस्तों कैसा लगा आप सबको हमारा आज का विषय संज्ञा किसे कहते है ? :  संज्ञा की परिभाषा और संज्ञा के प्रकार तथा संज्ञा के भेद ? ( SANGYA KISE KAHTE HAI ? ) हमें कमेन्ट करके जरुर बताये और हमारे इस पोस्ट को लाइक और शेयर जरुर करें धन्यबाद.

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