Labour Day.

Labour Day 2022 : मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

Labour Day/May Day हर वर्ष 1 मई को अन्तराष्ट्रीय मजदूर इस लिए मनाया जाता है और इसके पीछे का इतिहास कुछ प्रकार है, अमेरिका में 1 मई 1886 को वहां के मजदूरों ने एक बहुत बड़ा आन्दोलन कर दिया, उन्होंने आन्दोलन इस लिए किया क्योंकि वहां के मजदूरों से एक दिन में 15-16 घंटे काम लिया जाता था, इस आन्दोलन को ख़तम करने के लिए वहां के प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग और पुलिस ने वहां पर फायरिंग कर दी जिससे 10-15 मजदूरो की मृत्यु हो गयी, और सैकड़ों लोग घायल हो गए. इसके तीन वर्ष बाद ही अन्तर्राष्ट्रीय समजवादी संगठन की बैठक में मजदूरों के दिन में 8 घंटे काम करने का प्रस्ताव पास हो गया. तभी से हर वर्ष 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या may day के रूप मनाया जाता है. और इस दिन बहुत से मजदूर संगठन छुट्टी पर रहते है.

भारत में कब से मजदूर दिवस मनाने की शुरुवात हुई ?

अमेरिका समेत कई देशों ने 1889 में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाना शुरू कर दिया था मगर भारत में इसकी शुरुवात इसके लगभग 34 साल बाद हुई जब भारतीय मज़दूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने मद्रास हाईकोर्ट के सामने बहुत बड़ा प्रदर्शन किया और अपनी बात मनवाई, तभी से भारत में भी अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुवात हुई. अब भारत समेत लगभग 80 देशों में यह मनाया जाता है और इस दिन छुट्टी की घोषणा की जाती है.

मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है ?

भारत समेत विश्व के तमाम देशों में इसको मनाये जाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण यह है की मजदूरों को उनके हक़ और सम्मान को प्रदर्शित करना, उनके हक़ और उनके न्याय के लिए लड़ना, उनका शोषण रोकना, क्योंकि किसी भी देश का सबसे मजबूत नीव उसके कामगार मजदूर होते है, किसी देश का विकास उसके संसाधनों और उसके पास अधिक धन और बल रहने से नहीं होता है, उसका विकास तब होगा जब उसके पास श्रमिको की शक्ति होगी. इस दिन सभी मजदूर लोगों को छुट्टी रहती है.

मजदूर दिवस शायरी स्टेट्स ? ( Labour Day/May Day Shayari )

1- हमने बनाये ये महल और किले, बदले में हमको बस सम्मान मिले |

खाते है मेहनत की कमाई हुई रोटी, यूँ ही नही ख्वाबें आपकी पूरी है होती ||

2- मजदूर हूँ मेहनत करता हूँ, 

खून पसीने से आपके सपनो को पूरा करता हूँ ||

3- मजदूर हूँ,  मजबूर नहीं ||

फलों और सब्जियों के नाम हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में

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