satyajeet ray सत्यजीत रे

सत्यजीत रे/रॉय के जन्मदिवस पर विशेष | Satyajit Ray/Roy’s Birthday Special |

सत्यजीत रे/रॉय के जन्मदिवस पर विशेष | Satyajit Ray/Roy’s Birthday Special |

सत्यजीत रे (Satyajit Ray) एक सफल लेखक, साहित्यकार, चित्रकार से पहले एक बहुत ही सफल फ़िल्मकार माने गए है, जितनी ख्याति इनको फिल्मों से हुई उतनी और किसी से नहीं, इनकी फ़िल्में उस दौर के यथार्थ को दर्शाती थी.

ये फिल्मों में निर्देशन, पटकथा लेखन, छायाकंन, पार्श्व संगीत इत्यादि चीजें स्वयं करते थे. विश्व सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले अकीरा कुरासोवा ने इनके लिए कहा है “सत्यजीत रे/रॉय के बिना सिनेमा जगत वैसे है जैसे सूरज और चाँद के बिना आसमान.

सत्यजीत रॉय ने कुल 37 फिल्मों का निर्देशन किया.

जिनमे उनकी पहली फिल्म “पाथेर पांचाली” जो 1955 में प्रदर्शित हुई थी बहुत ही सफल फिल्म मानी जाती है, यह फिल्म कई हफ़्तों तक हाउसफुल चलती रही, जिसे कान फिल्म महोत्सव में सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख पुरस्कार सहित कुल 11 अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते. इसके अलावा इनकी प्रमुख फिल्में अपराजितो, अपु के वर्ष, पारस पत्थर, जलसाघर, देवी, चारुलता, सतरंज के खिलाड़ी, जय बाबा फेलुनाथ  इत्यादि फ़िल्में बनाई. उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘जखन छोटो छिलम'( जब मैं छोटा था ) लिखा.

इसके आलावा इन्होने बहुत सारे लघु फिल्मों का निर्माण भी किया. इसके अलावा इन्होने बच्चों के लिए विभिन्न कविताये, कहानियां इत्यादि लिखी.सत्यजीत रॉय उर्फ़ मानिकदा.सत्यजीत साहब को उनके चाहने वाले उन्हें मानिकदा के नाम से बुलाते थे, क्योंकि उनकी लम्बाई 6 फुट 4 इंच की थी, जो लोग उनसे पहली बार मिलते थे वो अचरज में पड़ जाते थे.

महिलाओं का सम्मान करते थे. 

सईद जाफरी अपने आत्मकथा ‘सईद’ में लिखते है की एक बार वो लोग लखनऊ के एक गाँव में सूटिंग कर रहे थे, तब उनकी पत्नी जेनिफ़र भी वहां मौजूद थी किसीने रॉय साहब की टेबल जिस पर बैठकर वह कैमरा से सूट करते थे उस पर जेनिफर को बैठा दिया, सत्यजीत सर बहुत देर तक खड़े रहे और अंत में उन्होंने कहा ‘डियर जेनिफर क्या मैं आपकी टेबल को थोड़ी देर के लिए उधार ले सकता हूँ.

खाने के शौक़ीन.

इनकी पत्नी बिजया रॉय अपनी आत्मकथा में बताती है की इन्हें यूरोपीय खाने के साथ बंगाली खाना लूची, अरहर दाल, बैगुन भाचा बहुत पसंद था. सत्यजीत मछली तभी खाते थे जब वह बेक की गयी हो या फिर ग्रिल की गयी हो, उन्हें आम खाने से एलर्जी थी, वह आम की महक को भी नापसंद करते थे. सूटिंग पर वह सिर्फ एक चिकन सैंडविच और बट्टे में जमी मिस्टी दई खाते थे.

सत्यजीत रे (Satyajit Ray) को प्राप्त पुरस्कार और अवार्ड.

  • 1956 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म – पाथेर पंचाली
  • 1958 में भारत सरकार द्वारा पदम श्री
  • 1959 द्वितीय सर्वश्रेष्ठ फिल्म – जलसाघर
  • 1959 सर्वश्रेष्ठ फिल्म बांग्ला – जलसाघर
  • 1960 सर्वश्रेष्ठ फिल्म – अपूर संसार
  • 1962 सर्वश्रेष्ठ फिल्म बांग्ला – तीन कन्या
  • 1963 सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फिल्म- अभियान
  • 1963 द्वितीय सर्वश्रेष्ठ फिल्म- अभियान
  • 1965 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म -चारुलता
  • 1965 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण
  • 1966 रमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा में रमन मैग्सेसे पुरस्कार
  • 1967 सर्वश्रेष्ठ पटकथा – नायक
  • 1968 सर्वश्रेष्ठ निर्देशन – चिड़िया खाना
  • 1969 सर्वश्रेष्ठ फिल्म – गुपी गाइन बाघा बाइन
  • 1969 सर्वश्रेष्ठ निर्देशन – गुपी गायन बाघा बाइन
  • 1970 में सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फिल्म – गुपी गाइन बाघा बाइन
  • 1971 द्वितीय सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशन, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ फिल्म बांग्ला – प्रतिद्वंदी
  • 1971 में युगोस्वालिया सरकार द्वारा स्टार ऑफ युगोस्लाविया
  • 1972 सर्वश्रेष्ठ फिल्म – सीमाबद्ध
  • 1973 सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन और 1974 सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फिल्म- अशनि संकेत
  • 1973 में दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा डॉक्टर ऑफ लैटर्स
  • 1974 रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट्स ,लंदन द्वारा डी लिट की उपाधि में
  • 1975 सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फिल्म, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन , सर्वश्रेष्ठ पटकथा – सोनार केल्ला
  • 1976 सर्वश्रेष्ठ निर्देशन – जन अरण्य

पुरस्कार और अवार्ड.

  • पुरस्कार और अवार्ड.
  • 1976 में भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण
  • 1978 ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा में डी लिट की उपाधि
  • 1978 बर्लिन फिल्म समारोह में मे विशेष पुरस्कार
  • 1979 मॉस्को फिल्म समारोह में विशेष पुरस्कार
  • 1980 में बर्द्धमान विश्वविद्यालय, भारत द्वारा डी लिट की उपाधि
  • 1980 जादवपुर विश्वविद्यालय, भारत द्वारा डी लिट की उपाधि से सम्मानित
  • 1981 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया
  • 1981 में उत्तरी बंगाल विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की उपाधि से नवाजा गया।
  • 1981 श्रेष्ठ गीतकार – हीरक राजार देशे
  • 1982 विशेष जूरी पुरस्कार -सद गति( हिंदी)
  • 1982 में कौन सी फिल्म समारोह में होमाज अ सत्यजीत राय
  • 1982 विशेष गोल्डन लॉयन ऑफ सेंट मार्क्स में वेनिस फिल्म समारोह में
  • 1982 में विद्यासागर पुरस्कार पश्चिमी बंगाल सरकार द्वारा दिया गया
  • 1983 में फलों से पुरस्कार ब्रिटिश फिल्म संस्था द्वारा दिया गया
  • 1985 कोलकाता विश्वविद्यालय द्वारा में डी लिट की उपाधि से नवाजा गया
  • 1985 में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1985 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार सोवियत संघ द्वारा
  • 1985 सर्वश्रेष्ठ फिल्म बांग्ला- गणशत्रु
  • 1986 में संगीत नाटक अकादमी, भारत द्वारा फैलोशिप पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1987 में रविंद्र भारती विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की उपाधि से नवाजा गया
  • 1992 में ऑस्कर पुरस्कार( लाइफ टाइम अचीवमेंट) मोशन पिक्चर आर्ट्स एवं विज्ञान अकादमी द्वारा 
  •  1992 में विश्व सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए सत्यजित राय को मानद ऑस्कर अवॉर्ड से अलंकृत 
  • 1992 फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशन – आगंतुक
  • 1992 भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न.
  • 1994 सर्वश्रेष्ठ पटकथा- उत्तोरण

सत्यजीत रे (Satyajit Ray) संछिप्त जीवन परिचय.

satyjeet ray सत्यजीत रे
satyjeet ray सत्यजीत रे
जन्म. 2 मई, 1929 कोलकाता, भारत
मृत्यु.  23 अप्रैल, 1992 कोलकाता, भारत, दिल का दौरा पड़ने से लम्बी बीमारी के चलते.
माता-पिता.  सुकुमार राय और सुप्रभा देवी
पत्नी. बिजोय राय
बच्चे. सन्दीप राय
प्रमुख सम्मान  दादा साहब फाल्के, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, आस्कर इत्यादि.

Sachin Tendulkar’s birthday special.

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