मुहावरे और लोकोक्तियाँ. ( Idioms and Phrases )
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका एक और लेख में जिसमे आज हम मुहावरे और लोकोक्तियों के बारे में जानेंगे और उनकी परिभाषा और मुहावरे तथा लोकोक्तियों में अंतर के बारे में पुरे विस्तार से आपको बताएँगे जिससे आपको समझने में आसानी हो सके, तो आइये चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते है आज का अपना यह लेख.
मुहावरा किसे कहते है | ( What Is Idioms in Hindi ) ?
किसी वाक्य के अर्थ को विशिष्ट रूप से प्रदर्शित करने वाले वाक्यांशों को मुहावरा कहते है, इसका प्रयोग भाषा को सहज और सरल बनाने के लिए किया जाता है. यह एक अरबी भाषा का शब्द मुहावर से बना हुआ है, जो हिंदी में आकर मुहावरा और उर्दू में मुहाविरा हो जाता है.
मुहावरा का शाब्दिक अर्थ बात-चीत, अभ्यास, और बोलचाल होता है, मुहावरे के प्रयोग से भाषा में सुन्दरता और सहजता आती है. यह प्रायः बातचीत के दौरान ऐसे बोला जाता है, जिससे सुनने वालें को आसानी से समझ आ सके.
लोकोक्तियाँ किसे कहते है | ( What Is Phrases in Hindi ) ?
लोकोक्तियाँ उन्हें कहते है जो इतिहास के या फिर किसी विशेष घटनाओं से निकलती है, और पूरे विश्व में कालजयी हो जाती है. इसके द्वारा सांस्कृतिक, आर्थिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक आदि का विशिष्ट रूप से अध्ययन हो जाता है.
मुहावरे और लोकोक्तियाँ में अंतर |
मुहावरा |
लोकोक्तियाँ |
मुहावरा अपना अर्थ छोड़कर एक नया अर्थ देते है. | लोकोक्तियाँ अलग अर्थ देती है, लेकिन उनका अपना अर्थ भी बना रहता है. |
मुहावरा का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकता है, इसके लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है. | लोकोक्तियों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है इसके लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है. |
मुहावरे के अंत में क्रियापद की आवश्यकता होती है. यह बिना क्रियापद के पूर्ण नही होता है. | इसमें किसी भी प्रकार के क्रियापद की आवश्यकता नहीं होती है. |
ये एक वाक्यांश के रूप में होता है, यहाँ अपने लिंग, वचन, कारक के अनुरूप बदलता रहता है. | ये अपने आप में स्वतंत्र वाक्य होती है, तथा प्रयोग आने पर इसमें कोई भी बदलाव नहीं होता है. |
मुहावरे के अंत में अधिकतर ना आ जाता है. जैसे – टूट पड़ना, कुसुम होना इत्यादि. | इसके अंत में ना आये या नहीं आये, कोई फर्क नहीं पड़ता है. |
मुहावरे के द्वारा किसी शब्द को साधारण से प्रभावशाली बनाया जाता है. | इसमें साधरण से प्रभावशाली बनाने जैसा कुछ नहीं होता है. |
परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ ?
मुहावरे | शाब्दिक अर्थ |
अ, आ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ
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अक्ल बड़ी या भैंस . | शारीरिक शक्ति की तुलना में बौधिक क्षमता अधिक होना. |
अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना. | स्वयं का हानि करना. |
अक्ल पर पत्थर पड़ना. | बुद्धि का नष्ट हो जाना |
आयी तो रोजी नहीं तो रोजा. | अगर कमाया तो खाया नहीं तो उपवास. |
आठ बार नौ त्यौहार. | मौज मस्ती का जीवन जीना. |
आसमान से बातें करना. | बहुत ऊँचा होना. |
आसमान से तारे तोडना. | असंभव कार्य करना. |
आपे के बाहर होना. | अत्यधिक क्रोधित होना. |
आटे दाल का भाव मालूम चलना. | मुसीबत पड़ने पर अपने वास्तविक स्थिति का सामना करना. |
आग में घी डालना. | क्रोध को और बढ़ाना. |
आप मिया गंगरू द्वारे दरवेश. | जो स्वयं कंगाल है, वो दूसरे को क्या देगा. |
आज का बनिया कल का सेठ. | थोड़े ही लाभ से ज्यादा अकड़ दिखाने वाला. |
आगे कुंआ पीछे खाई. | हर तरफ विपत्ति से घिरा होना. |
आकाश टूट पड़ना. | अकस्मात विपत्तियों का आ जाना. |
आकाश पाताल एक करना. | सारे प्रयास कर डालना. |
आकाश पाताल का अंतर होना. | जिसमे बहुत बड़ा अंतर हो. |
अपना तोशा अपना भरोशा. | स्वयं की वस्तु पर ही भरोशा करना. |
अढाई हाथ की ककड़ी, नौ हाथ का बीज. | छोटी बातों को बढ़ा चढ़ा कर बोलना. |
अवसर चूके डोमिन गावे, ताल बेताल. | समय पर चुकने जाने से किसी भी बात का प्रभाव नहीं पड़ता है. |
अशर्फी की लूटऔर कोयले की छाप. | मूल्यवान वस्तु को छोड़कर, अमूल्यवान वस्तु पर ध्यान देना. |
अतिशय भक्ति, चोर के लक्षण. | ज्यादा ढोंग करने वाले व्यक्ति कपटी होता है. |
अपने मन में जानिये, पराये मन की बात. | दुसरे के द्वारा कही हुई बातों को अपने तक सीमित रखना चाहिए. |
अपने पैर पे खड़े होना. | स्वावलंबी होना. |
अघायल बगुला के पोठिया तीत. |
जिसकी जरूरत पूरी हो गयी हो, उसके लिए साधारण वस्तु प्राप्ति का कोई महत्व नही रहता. |
अपना नाक कटे तो कटे, लेकिन दुसरे का शगुन तो बिगड़े. | दूसरे को हानि पहुचाने के लिए, स्वयं की हानि करना. |
अपना सोना खोटा, तो परखैये का क्या दोष. | जब अपने लोग बुरे हो, तो उसमे किसी दुसरे का कोई दोष नहीं है. |
अमर बेल बनना. | निश्चय के साथ. |
अपमान का घूट पीना. | अपमानित होकर भी चुप रहना. |
अपना सा मुह लेकर रह जाना. | लज्जित हो जाना. |
अपना उल्लू सीधा करना. | अपना काम निकालना. |
अपना-अपना है, और पराया-पराया. | अपने पराये की पहचान रखना. |
आँखों के चिंगारी छूटना. | चोट लगने से चकाचौध हो जाना. |
आँखों पर रखना. | अत्यधिक मान-सम्मान देना. |
आँखों से लगाना. | बहुत ज्यादा प्यार करना. |
आँखों में सरसों फूलना. | नशे में होना. |
अतडियोन का बल खोलना. | बहुत दिन बाद भोजन मिलने पर भर पेट खाना. |
आंधी के आम. | बिना मतलब सस्ती मिलने वाली चीज. |
अति करना. | अपनी मर्यादा के पार चले जाना. |
अन्न जल उठाना. | दूसरी जगह जाने पर विवश होना. |
अपनी खाल में मस्त रहना. | अपने आप में मस्त रहना. |
अपनी नींद सोना और अपनी नीद जागना. | अपने मन का करना. |
अपनी माँ का दूध पिए होना. | वीर होना. |
अर्क निकालना. | सार निकालना. |
अर्धचन्द्र देना. | गर्दन पकड़कर निकाल देना. |
अलादीन का चिराग. | आश्चर्यजनक वस्तु होना. |
अंगारों पर पैर रखना. | खतरनाक कार्य करना. |
अंगूठा छाप होना. | अनपढ़ होना. |
अँधा बगुला कीचड खाय. | संसाधन की कमी के कारण अयोग्य हो जाना. |
अँधा क्या जाने बसंत बहार. | जिसने जो वस्तु नहीं देखी, उसका आनंद वह क्या जाने. |
अंधों में काना राजा. |
अयोग्य व्यक्तियों के बीच कम योग्य वाला भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. |
अँधा गुरु बहिर चेला, मांगे भेली दे ढेला. | कहना कुछ और करना कुछ. |
अँधेरे में तीर चलाना. | बिना प्रयास किये बिना ही, सफलता |
अंगारे उगलना. | क्रोध में कठोर भाषा बोलना. |
आँचल पसारना. | याचना/प्रार्थना करना. |
आँख फाड़कर देखना. | घूर-घूर कर देखना. |
आँखों में चर्बी चढ़ना. | अत्यधिक घमण्ड होना. |
आँखों से गिरना. | मान-सम्मान खो देना. |
आँखे पथरा जाना. | आँखों का थक जाना. |
आँखों का तारा होना. | बहुत प्यारा होना. |
आँख चुराना. | छिपना/ सामने आने से बचना. |
आकबत में दिया दिखाना. | परलोक में काम आना. |
आकाश का फूल. | जिसे प्राप्त न किया जा सके. |
आकाश पर दिया जलाना. | बहुत वीरता का काम करना. |
आग का बाग. | सुनार की अंगीठी. |
आग लेने आना. | आकर के तुरंत वापस लौट जाना. |
आग से पानि हो जान. | क्रोध का शांत हो जाना. |
आटे की आया. | भोली स्त्री. |
आठ-आठ आसू रोना. | बहुत ज्यादा रोना. |
आन की आन में. | शीघ्र ही करना. |
आफत का परकाला. | अथक मेहनत करना. |
आफत की पुड़ियाँ. | कष्टदायक या भयानक. |
आसमान फट जाना. | अनहोनी बात होना. |
इ, ई अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ
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इतिश्री करना. | कार्य समाप्त कर देना. |
इधर उधर की हाकना. | व्यर्थ की बात करना. |
इज्जत अपने हाथ होना. | मर्यादा का होना. |
इधर की उधर करना. | चुगली करना. |
इंद्र का अखाडा. | विलासता से भरा समाज. |
इज्जत में बट्टा लगाना. | मान-सम्मान करना. |
इक नागिन अरु, अरु पंख लगाई. | गुनाह पर गुनाह होना. ( दोष पर दोष होना ). |
इमली के पात पर बारात का डेरा. | असम्भव बात करना. |
ईट का जवाब पत्थर से देना. | किसीको करारा जवाब देना. |
ईद का चाँद होना. | बहुत दिनों बाद दिखना. |
ईमान बगल में दबाना. | बेईमान करना. |
ईश्वर की माया, कही धुप कही छाया. | अपने-अपने भाग्य की बात है. |
उ, ऊ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ
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उल्टा पासा पड़ना. | आशा के विपरीत परिणाम निकलना. |
उडती चिड़ियाँ पहचानना. | रहस्यमयी बात को जल्दी जान लेना |
उन्नीस बीस होना. | लगभग एक बराबर होना. |
उंगली पर नाचना. | किसीके वस में होना. |
उंगली उठाना. | आरोप लगाना. |
उड़ता तीर लेना. | बिना कारण मुसीबत मोल लेना. |
उधेड़बुन में पड़ना. | सोच-विचार में पड़ना. |
उलटे मुह गिरना. | दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में खुद गिर जाना. |
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. | अपराध स्वीकार न करके, ऊपर से आँख दिखाना. |
उल्टी माला फेरना. | अहित सोचना. |
उल्टी गंगा बहना. | उल्टा कार्य करना. |
ऊसर में बीज बोना. | निष्फल कार्य करना. |
उची-नीची सुनाना. | भला-बुरा कहना. |
ऊँचा फेकना. | गप्पे हाकना. |
ऊँचा सुनना. | कम सुनना. |
ऊँचे-नीचे पैर पड़ना. | गलत काम करना. |
उंचे चढ़ के देखा, तो घर-घर एक ही लेखा. | सब की स्थिति एक जैसी होना. |
ऊंट किस करवट बैठे. | परिणाम का संदिग्ध होना. |
ऊंट की गर्दन. | ऊँचा गर्दन. |
ऊंट बिलाई ले गयी, तो हाजी-हाजी कहना. | शक्तिशाली व्यक्ति के हाँ में हाँ मिलाना. |
ऊंट की चोरी निहुरे-निहुरे. | बड़ा काम चोरी-छिपे नहीं होता. |
उतावला सा बावला. | मुर्ख व्यक्ति जल्दबाजी में काम कर देते है. |
उसर बरसे तृण नहीं जाय. | मुर्ख व्यक्तियों पर उपदेशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. |
उधौ का लेना, न माधव को देना. | किसी से कोई सम्बन्ध ( मतलब ) नहीं रखना. |
ए, ऐ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ
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एड़ी चोटी का पसीना एक करना. | कठिन परिश्रम करना. |
एक पंथ दो काज. | एक साथ दो कार्य हो जाना. |
एड़ी से चोटी तक | सर से पैर तक जोर लगाना. |
एडियाँ रगड़ना. | सिफारिश के लिए दौड़-भाग करना. |
एक-एक नस पहचानना. | सब कुछ समझ जाना. |
एक घाट का पानी पीना. | एकता और सहनशीलता का होना. |
एक जान हजार अरमान. | किसी भी व्यक्ति के सारे अरमान नही पूरा होते. |
एक टांग पर खड़ा रहना. | किसी काम के लिए सदैव तत्पर रहना. |
एक से इक्कीस करना. | वृद्धि प्राप्त करना. |
एक हाथ से ताली न बजना. | गलटी दोनों तरफ की होती है. |
एक न चलाना. | बस की बात न होना. |
एक की चार लगाना. | छोटी-छोटी बात को बढ़ा चढ़कर कहना. |
एक आँख न भाना. | जरा सा भी अच्चा न लगना. |
चोरी उपर से सीना जोरी. | गलती करके रौब दिखाना. |
बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय. | बिना काम का चीज कोई नहीं रखना, चाहता. |
ऐरे-गैरे पंच कल्यान. | नीच व्यक्ति. |
ऐसी-तैसी करना. | अपमानित कर देना. |
ऐठकर कर रह जाना, | मन मसोश कर रह जाना, |
ओ, औ अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ |
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ओले पड़ना. | विपत्ति पड़ जाना. |
ओठ चबाना. | अत्यधिक क्रोधित हो जाना. |
ओछे की प्रीति बालू की भाति. | ओछे व्यक्ति से मित्रता ज्यादा दिन नहीं टिकती है. |
ओर-छोर न मिलना. | भेद का पता न चलाना. |
ओस पड़ जाना. | लज्जित हो जाना. |
ओस के चाटे प्यास नहीं बुझती. | बड़ी आवश्यकता छोटी वस्तु नहीं पूरी होती है. |
ओठ तक न हिलना. | मुख से कोई शब्द तक न निकलना. |
ओठ बिचकाना. | घृणा करना. |
औधे मुह गिरना. | धोखा खाना. |
औने-पौने करना. | मनमर्जी का दाम लगाना. |
और का और होना. | कुछ का कुछ होना. |
और ही रंग खिलना. | कुछ विचित्र करना. |
औधी खोपड़ी का होना. | मुर्ख होना. |
अं अक्षर से शुरू होने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ |
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अंग-अंग ढीला पद जाना. | अत्यधिक थक जाना. |
अंग-अंग खिल उठना. | प्रसन्न हो जाना. |
अंग-अंग में न समाना. | अत्यधिक प्रसन्न हो जाना. |
अंजर-पंजर ढीला हो जाना. | अत्यधिक दुर्बल हो जाना. |
अंधे को आँख मिलना. | मांगी मुराद मिलना. |
thanks for information