नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020.
शिक्षा मानव जीवन या यूं कहें सबके जीवन का एक प्रमुख अंग है। इसके बिना सब कुछ बेकार है जैसी उस देश की शिक्षा रहेगी वैसी उस देश की व्यवस्था रहेगी।
नई शिक्षानीति Nai ShikshaNeeti 2020 |
उसी के मद्देनजर हमारे देश की मौजूदा सरकार ने नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. को घोषित किया है। जिसकी घोषणा मई 2019 में ही हो गयी थी लेकिन उसका प्रारूप 29 जुलाई 2020 को जारी किया गया है. इसकी शुरुवात 1948 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा व्यवस्था के रूप में हुई थी. तब से ही शिक्षा नीति की शुरुवात हुई है । इसमें पहली बार नया बदलाव सन 1968 में कोठारी आयोग की सिफरिश पर ( 1964 – 66 ) श्रीमती इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में हुई थी.इसमे दूसरा बड़ा बदलाव 1986/1992 में राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ जिसमें 10+2+3 का फॉर्म्युला जोड़ा गया। और अब उसके लगभग 34 साल बाद नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. का प्रारूप पारित किया गया है, जिसके बारे में हम आगे जानेंग
प्रमुख परिवर्तन –
इसमें सभी उच्च शिक्षा के लिए एक भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का गठन करने का प्रावधान है,( कानूनी और चिकित्सीय शिक्षा को छोड़कर) मानव संसाधन मंत्रालय का नाम पुनः शिक्षा मंत्रालय करने का प्रावधान है. भारतीय संविधान के नीति-निदेशक तत्व में जो 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है उसे अब 3-18 वर्ष करने काप्रावधान है. इसमें पुरानी शिक्षा नीति के फोर्मेट 10+2+3 को हटाकर नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. के पैटर्न 5+3+3+4 करने का प्रावधान है जिससे हम निम्नलिखित रूप से समझ सकते है.
1 – Foundation Stage –
इस स्टेज को आप ऐसे समझे की इसमें 3 साल की प्री-प्राइमरी की पढाई और 2 साल कक्षा 1 और 2 की पढाई प्राइवेट स्कूलों की तरह ही अब प्राइवेट और सरकारी दोनों स्कूलों में लागू करने का प्रावधान है.
2 – Pre-Primary Stage-
इसमें कक्षा 3 से 5 तक की पढाई होगी ये व्यवस्था भी सरकारी और प्राइवेट स्कूल दोनो के लिए है.
3 – Middle Stage –
4 – Secondry Stage –
इसमें 4 साल की पढाई कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक की पढाई का प्रावधान है, जहाँ पहले आपको कक्षा 11 से विषय चुनने की स्वतंत्रता थी वही अब इसको आप कक्षा 9 से ही कर सकते है. 10th और 12th के बोर्ड की अहमियत को कम करने का प्रावधान है, इसके बजाय बच्चों के knowledge पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
नई शिक्षानीति का क्या प्रावधान है ?
नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में ये प्रावधान है की आपको जिस सब्जेक्ट में परेशानी हो रही है उस विषय के मीडियम लेवल लेकर आप पढाई कर सकते है या यूँ कहे जिस विषय को आप आगे लेकर नहीं पढना चाहते है उसका एडवांस लेबल न पढ़कर आप मीडियम लेबल से पढाई कर सकते है. आप साइंस स्ट्रीम के साथ आर्ट्स या ह्यूमैनिटी के सब्जेक्ट भी पढ़ सकते है इसमें कोई पाबंदी नहीं है की आप साइंस से है तो सिर्फ साइंस के सब्जेक्ट ही पढ़ सकते है.
नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में एक बहुत ही अच्छा प्रावधान जोड़ा गया है जिसमे आप खेल-कूद, व्यायाम और संगीत की शिक्षा भी आप ले सकते है ये भी विषय के रूप में मुख्य पाठ्यक्रमं में शामिल होंगे जिसे सीखकर आप आगे उस क्षेत्र में अपना और देश का नाम कर सकते है.
स्कूल या फिर कॉलेज में बच्चे एक दुसरे को मार्क दे सकेंगे उनकी एबिलिटी के आधार पर और टीचर भी बच्चो को मार्क देंगे उनकी क्षमता और एबिलिटी के आधार पर.
प्राइवेट और सरकारी दोनों के बच्चो को जहाँ तक संभव हो अपनी मातृभाषा में पढाई कराइ जायेगी जिससे बच्चे समझ सके और अच्छे से पढ़ सके |NCERT ( National Council of Educational Research and Training )अपने विषय में व्यापक बदलाव कर रही है.
पहले की नीतियों की तरह ही इस नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में भी ” Three language Formula ” जारी रहेगा लेकिंन इसमें कुछ बदलाव है.
उन तीन भाषाओँ में दो भाषा अपने देश की होनी जरुरी है. जैसे की मान लो अगर उत्तर-प्रदेश में एक भाषा हिंदी तथा दूसरी भाषा अंग्रेजी है तो तीसरी जापानी या फिर चीनी नहीं हो सकती है तीसरी अपने देश की कोई भी भाषा होनी जरुरी है.
NTA ( National Testing Agency ) द्वारा साल में दो बार CEE ( Common Entrance Examination ) टेस्ट होगा जिसमे पास करके आप देश के किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन ले सकते है.
लेकिन इसके लिए कोई यूनिवर्सिटी बाध्य नहीं है वो चाहे तो अपना पुराना पैटर्न रख सकती है | ये एक माइनस पॉइंट है क्योंकि जो फेमस कॉलेज या यूनिवर्सिटी है वो अपना रेवेन्यु नहीं ख़राब करेंगी.
UGC( University Grants Commission ) की जगह HECI ( Higher Education Comission of India ) आएगा जो सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश करेगा.
सभी कॉलेजों और संस्थानों में सभी स्ट्रीम की पढाई हो सकेगी और लगभग हर जिले या फिर निकटवर्ती जिले में एक यूनिवर्सिटी खोलने का प्रस्ताव है.
और उच्च शिक्षण संस्थानों में पढाई का माध्यम अंग्रेजी के साथ-साथ लोकल भाषा में भी करने का प्रस्ताव है.नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में ये भी एक अहम कड़ी है.
नई शिक्षानीति ग्रेजुएट सिस्टम का क्या प्रावधान है ?
चार साल का अंडर ग्रेजुएट सिस्टम होगा जिसमे मल्टीप्ल एग्जिट का आप्शन होगा कहने का मतलब ये है की अगर आप आर्ट्स से ग्रेजुएशन कर रहे है और एक साल बाद आपको लगता है की आप ने गलत स्ट्रीम चुन लिया है तो आप अगले साल उसकी पढाई छोड़ सकते हो और आपको साल भर का एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा की आप ने सालभर इसकी पढाई की है.
- अगर आपने एक साल पढकर छोड़ दिया है तो आपको सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
- दो साल पढ़कर छोड़ने पर आपको एडवांस डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
- तीन साल पढ़कर छोड़ने पर आपको बैचलर डिग्री का सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
- अगर आप पूरा चार साल पढ़कर पास करते है तो आपको बैचलर्स डिग्री विथ रिसर्च का सर्टिफिकेट मिलेगा.
अगर आपने ग्रेजुएशन लेवल पर 1 साल की पढाई पढ़कर बंद कर दी है और १० साल बाद आपको लगता है की आपको आगे की पढाई पूरी करनी चाहिए तो नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में ये बहुत अच्छा और बड़ा बदलाव किया गया है की आपने जहाँ से पढाई छोड़ी है वही से फिर से स्टार्ट कर सकते है और किसी भी कॉलेज से पूरी कर सकते है.
ऍम-फिल की डिग्री को हटा दिया गया है अगर आपने चार साल वाला बीए किया है तो एक साल एमए और फिर आप डायरेक्ट पीएचडी में एडमिशन ले सकते है
अगर तीन साल का किया है तो 2 साल का एमए विथ रिसर्च करने के बाद आप डायरेक्ट पीएचडी कर सकते है.
नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में एक प्रावधान ये भी है की विदेशी कॉलेज और यूनिवर्सिटी अपनी संस्था भारत में खोल सकती है, यानी की अब विदेशी यूनिवर्सिटी में पढने का सपना पूरा हो सकेगा.लेकिन इसमें भारत के यूनिवर्सिटी और कॉलेज के लिए खतरे की घंटी होगी.
नई शिक्षानीति में Technology का क्या उपयोग है ?
- Technology का दायरा पढाई में बढाया जायेगा जिसके लिए नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम का गठन किया जाएगा, इसमें दिव्यांग फ्रेंडली एप्प, वर्चुअल लाइब्रेरी, ऑनलाइन टेस्ट और पढाई की व्यवस्था होगी ये व्यवस्था कोरोना-वायरस के मद्देनजर भविष्य में बहुत काम आएँगी.
- शिक्षको के लिए TET( Teacher Eligbilty Test ) में बड़ा बदलाव होगा, इसके पैटर्न का दायरा बढेगा और बेहतर तरीके से प्रशिक्षण होगा टीचरों का तबदला कम होगा जिससे बच्चों के साथ जुड़ने में शिक्षको को दिक्कत न हो और बच्चो को भी परेशानी न हो.
- टीचर के लिए इंटरव्यू या डेमो क्लास की व्यवस्था होगी जिसमे ये देखा जाएगा की वह बच्चों के साथ कैसे जुड़ पाता है और बच्चे उसको कितना समझ पाते है.
- अगर आप टीचर की नौकरी करना चाहते है तो आप 4 साल का Integrated B.Ed 12th के बाद कर सकते है आपको ज्यादा समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है.
- अभी हामरे देश में ये है की बहुत से बच्चे प्राइमरी शिक्षा के बाद की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते ऐसे में नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में 2035 तक ये लक्ष्य है की इंटरमीडियट तक 100% बच्चो का एडमिशन हो जो अभी मौजूदा हाल में 56.5% तक ही है, और higher Education में ये व्यवस्था 50% तक करने का लक्ष्य है जोकि अभी 26.3% है.
निष्कर्ष –
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है की नई शिक्षानीति Nai Shiksha Neeti 2020. में ये एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है कुछ एक जगह पे संसोधन करके उसे निश्चित ही लागू करने का प्रावधान करना चाहिए अन्यथा जो बड़े बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटी है वो इसको मानने से रहे.
अगर ये सब बदलाव अगर कागजी न होकर धरातल पर किया जाएगा तो ये वास्तव में एक बहुत बड़ा बदलाव लाएगा जो आने वाले भारत की तस्वीर बदलकर रख देगा, खैर अभी इसमें दो से तीन साल तक का समय लग जाएगा ऐसे में आप सब नीचे कमेंट कर के बताइए की आप सबको ये जानकारी कैसी लगी व लाइक और शेयर जरुर करियेगा नमस्कार.
Nice jaankari,,,,,,,,